केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम किया - राज्यपाल
शिक्षा में गुणात्मक सुधार आगे भी जारी रहे - नाईक
लखनऊ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के सम्मान में शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में 'अभिनन्दन समारोह' का आयोजन किया गया। राज्यपाल के 5 वर्षीय सफल-कार्यकाल पर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा समारोह का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेन्द्र प्रताप सिंह, डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति विनय पाठक सहित अन्य राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतिगण, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे। सभागार में उपस्थित सभी श्रोतागणों ने राज्यपाल के पांच साल के सफल कार्यकाल के लिये खड़े होकर 'स्टैंडिंग ओरेशन' अभिवादन किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि यह पहला अवसर है जब कुलपतियों ने सामूहिक रूप से कुलाधिपति का अभिनन्दन किया है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नये ज्ञान और नवीन चिन्तन का स्रोत हो सकते हैं। विश्वविद्यालय में नवान्वेषण के प्रति झुकाव का माहौल हो। हमारी भावी पीढ़ियों की सफलता हमारी नवान्वेषण की क्षमता पर निर्भर करती है। विज्ञान और तकनीक का प्रभाव तब दिखायी देता है जब वह आम आदमी के जीवन में बदलाव लाये। युवा पीढ़ी देश के भावी कर्णधार हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय अपने छात्रों में वह भाव उत्पन्न करें जिससे वे समाज और देश के प्रति समर्पित नागरिक बन सकें। उन्होंने कहा कि समाज का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने विद्यार्थियों को किस तरह ढालते हैं।
श्री नाईक ने कहा कि 'राज्यपाल एवं कुलाधिपति के रूप में पांच साल बीत गये, पता ही नहीं चला। प्रथम पत्रकार वार्ता में कहा था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिये प्रयत्न करूंगा, केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करूंगा। राजभवन के दरवाजे सबके लिये खुले हैं, महामहिम नहीं माननीय कहकर सम्बोधित करें तथा उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये प्रयास करूंगा। मुझे समाधान है कि उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर अग्रसर है, गत वर्ष का इंवेस्टर्स समिट इस बात का द्योतक है। राजभवन में 30,589 व्यक्तियों से प्रत्यक्ष मुलाकात की। पांच साल में राजभवन में 225 आयोजनों, लखनऊ में 957 सार्वजनिक कार्यक्रमों, लखनऊ के बाहर उत्तर प्रदेश में 536 सार्वजनिक कार्यक्रमों में तथा उत्तर प्रदेश के बाहर 148 सार्वजनिक कार्यक्रमों सहित कुल 1,866 कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया है।'
राज्यपाल ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2018-19 में दीक्षान्त समारोहों में कुल 12,78,985 छात्र/छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपाधियाँ प्रदान की गयी, जिनमें से 7,14,764 अर्थात् 56 प्रतिशत छात्राओं ने उपाधियाँ अर्जित की हैं। कुल 1,741 पदकों में 1,143 अर्थात् 66 प्रतिशत पदकों पर छात्राआंे ने कब्ज़ा किया है। राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्षों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए उठाये गये कदमों के फलस्वरूप आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि उपाधि प्राप्त कर्ताओं में छात्राओं का अनुपात जहाँ वर्ष 2015-16 के दौरान 40 प्रतिशत था वही शैक्षिक सत्र 2018-19 के दौरान यह स्तर बढ़कर 56 प्रतिशत पर पहुँच गया है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार आगे भी जारी रहेगा और शोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बढ़े और सफल हो, यही उनका आह्वान है।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में पारदर्शी व्यवस्था में विश्वास रखा तथा स्वयं भी नियमों का पालन करते रहें और दूसरों को भी नियमानुसार कार्य करने के लिये प्रेरित करते थे। राज्यपाल ने अपने को आदर्श के रूप में स्थापित किया है। असामान्य स्थिति में कैसे सामान्य रहा जाये, राज्यपाल उसके उदाहरण हैं। श्री नाईक अपने सिद्धांतों पर दृढ़ रहे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उन्हें राज्यपाल से ज्यादा मार्ग-दर्शक के रूप में देखता है।
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिये अभिभावक स्वरूप हैं राज्यपाल श्री राम नाईक। राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने हर दिन नई सक्रियता के साथ प्रदेश को बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से 'उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस' का आयोजन शुरू हुआ जिसके माध्यम से सरकार ने 'एक जिला-एक उत्पाद' जैसी महत्वाकांक्षी योजना प्रारम्भ की।
समारोह में कुलपति सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा कुलपति विनय पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी कुलपतियों ने अपने-अपने स्तर से राज्यपाल का अभिनन्दन पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि यह पहला अवसर है जब कुलपतियों ने सामूहिक रूप से कुलाधिपति का अभिनन्दन किया है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नये ज्ञान और नवीन चिन्तन का स्रोत हो सकते हैं। विश्वविद्यालय में नवान्वेषण के प्रति झुकाव का माहौल हो। हमारी भावी पीढ़ियों की सफलता हमारी नवान्वेषण की क्षमता पर निर्भर करती है। विज्ञान और तकनीक का प्रभाव तब दिखायी देता है जब वह आम आदमी के जीवन में बदलाव लाये। युवा पीढ़ी देश के भावी कर्णधार हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय अपने छात्रों में वह भाव उत्पन्न करें जिससे वे समाज और देश के प्रति समर्पित नागरिक बन सकें। उन्होंने कहा कि समाज का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने विद्यार्थियों को किस तरह ढालते हैं।
श्री नाईक ने कहा कि 'राज्यपाल एवं कुलाधिपति के रूप में पांच साल बीत गये, पता ही नहीं चला। प्रथम पत्रकार वार्ता में कहा था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिये प्रयत्न करूंगा, केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करूंगा। राजभवन के दरवाजे सबके लिये खुले हैं, महामहिम नहीं माननीय कहकर सम्बोधित करें तथा उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये प्रयास करूंगा। मुझे समाधान है कि उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर अग्रसर है, गत वर्ष का इंवेस्टर्स समिट इस बात का द्योतक है। राजभवन में 30,589 व्यक्तियों से प्रत्यक्ष मुलाकात की। पांच साल में राजभवन में 225 आयोजनों, लखनऊ में 957 सार्वजनिक कार्यक्रमों, लखनऊ के बाहर उत्तर प्रदेश में 536 सार्वजनिक कार्यक्रमों में तथा उत्तर प्रदेश के बाहर 148 सार्वजनिक कार्यक्रमों सहित कुल 1,866 कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया है।'
राज्यपाल ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2018-19 में दीक्षान्त समारोहों में कुल 12,78,985 छात्र/छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपाधियाँ प्रदान की गयी, जिनमें से 7,14,764 अर्थात् 56 प्रतिशत छात्राओं ने उपाधियाँ अर्जित की हैं। कुल 1,741 पदकों में 1,143 अर्थात् 66 प्रतिशत पदकों पर छात्राआंे ने कब्ज़ा किया है। राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्षों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए उठाये गये कदमों के फलस्वरूप आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि उपाधि प्राप्त कर्ताओं में छात्राओं का अनुपात जहाँ वर्ष 2015-16 के दौरान 40 प्रतिशत था वही शैक्षिक सत्र 2018-19 के दौरान यह स्तर बढ़कर 56 प्रतिशत पर पहुँच गया है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार आगे भी जारी रहेगा और शोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बढ़े और सफल हो, यही उनका आह्वान है।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में पारदर्शी व्यवस्था में विश्वास रखा तथा स्वयं भी नियमों का पालन करते रहें और दूसरों को भी नियमानुसार कार्य करने के लिये प्रेरित करते थे। राज्यपाल ने अपने को आदर्श के रूप में स्थापित किया है। असामान्य स्थिति में कैसे सामान्य रहा जाये, राज्यपाल उसके उदाहरण हैं। श्री नाईक अपने सिद्धांतों पर दृढ़ रहे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उन्हें राज्यपाल से ज्यादा मार्ग-दर्शक के रूप में देखता है।
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिये अभिभावक स्वरूप हैं राज्यपाल श्री राम नाईक। राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने हर दिन नई सक्रियता के साथ प्रदेश को बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से 'उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस' का आयोजन शुरू हुआ जिसके माध्यम से सरकार ने 'एक जिला-एक उत्पाद' जैसी महत्वाकांक्षी योजना प्रारम्भ की।
समारोह में कुलपति सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा कुलपति विनय पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी कुलपतियों ने अपने-अपने स्तर से राज्यपाल का अभिनन्दन पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर किया।